दिल हूम हूम करे, घबराए घन धाम धाम करे, डर जाए इक बूँद कभी पानी की मोरी अंखियों से बरसाए तेरी झोरी डारूं सब सूखे पात जो आये तेरा छूंआ लागे, मेरी सुखी डार हरियाए दिल हूम हूम करे... जिस तन को छुआ तुने, उस तन को छुपाऊँ जिस मन को लगे नैना, वो किसको दिखाऊँ ओ मोरे चन्द्रमा, तेरी चांदनी अंग जलाए ऊंची तोर अटारी, मैंने पंख लिए कटवाए दिल हूम हूम करे...